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जनवरी, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ओ.....बामा ओ....बामा!

देश की लग गयी वाट, खा गए समझ के चाट, बजाओ अब ये गाना, ओ बामाँ ओ बामा, हमें छोड़ मत जाना हमरा चूल्हा नहीं जलता ज़रा अपना कचरा दे जाना, ओ बामाँ ओ बामा, हमें छोड़ मत जाना झुठी हमारी सब शान, फिर भी करना है गुणगान, गुमनाम हो जाए गरीबी ऐसा आधुनिक विज्ञान, झांकी लंबी है देख जरा जाना ओ बामाँ ओ बामा, हमें छोड़ मत जाना सब धर्मो का मान,आखिर सब राम की संतान, मार-प्यार से बुलाते जॉन,ज़ानी घर-वापस आना जो नहीं माने उसका मुज़फ्फरनगर ठिकाना ओ बामाँ ओ बामा, हमें छोड़ मत जाना बदल किताबों को देते नए सच का ज्ञान बड़ा प्राचीन है हमारा आधुनिक विज्ञान, भूल गए बस थोडा हमको याद दिलाना ओ बामाँ ओ बामा, हमें छोड़ मत जाना बड़ा जटिल हमारा गणतंत्र, गण गरीब अमीर तंत्र, मजदूरी के लिए जरुरी गरीब, गरीब रह जाना "थोड़ा खाओ थोड़ा फेंको" गाओ ये गाना   ओ बामाँ ओ बामा, हमें छोड़ मत जाना पूरा दिल्ली कर दिए सेफ, चोर बदल के आये भेष, हमारे जवानो और आपके कुतों को मिलेगा खाना बाकि भूखों को है भाड़ में जाना ओ बामाँ ओ बामा, हमें छोड़ मत जाना