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अगस्त, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आज़ादी के नंग?

आज़ादी का ऐसा नशा के जंज़ीरें नहीं दिखतीं, तस्वीरों से खुश हैं सब, फूटी तकदीरें नहीं दिखतीं! तमाम फ़कीरी मज़हबी लकीरों में सिमटी है, उसूलों की किसी को गऱीबी नहीं दिखती? 60 बच्चे चंद हो गए, ज़हन ऐसे गन्द हो गए? चीख़ रहे हैं सब ख़बरी ऐसे, कि हम अपनी बोलती के बंद हो गए? एक क़ातिल, एक उठाईगीर को रहनुमा किया, क्यों हम इतने अक्लमंद हो गए? अपने ही पड़ोसी पर शक है, क्यों मोहब्बत पर नफऱत के पैबंद हो गए? जो हमराय नहीं होता वो रक़ीब है,  कब से सोच के हम इतने तंग हो गए? ये कैसी आज़ादी आयी,  सब के सब रज़ामंद हो गए? शोर मचाओ, वंदे गाओ, आज़ादी के सब नंग हो गए? ......  बेहरेहाल आज़ादी मुबारक़ हो अगर आप आज़ाद हैं!! #फ्री #आज़ादी #स्वतंत्रता #freedom #independance

गौ-बंधन

आज सारे बछड़े इंतज़ार में हैं, और बछड़ियाँ भी,  गौ माता के दु-पउआँ बेटा-बेटी रक्षाबंधन मनाने आएंगे। मुग़ालता है के अच्छे दिन आएंगे। कब तक प्लास्टिक चाट मुँह मीठा कराएंगे? कब तक गले में पट्टा बंधवाएँगे, कब कलाई में राखी बांधेंगे बंधवाएँगे? वादों से कब मुकरना बंद होगा? कब तक उनके नाम वोटों का धंद होगा? कोई तो भाई जो अक्लमंद होगा? मेरे और मेरी माँ के नाम कब कत्ले-आम बंद होगा? कब प्लास्टिक रीसाइकिलिंग मेरा काम नहीं होगा ? कब में सड़कछांप मवाली नहीं रहूँगी? गोबर और मूत्र से पैसा कमाते हैं? माँ कचरा चर रही है,क्या नहीं जानते हैं? ऐसे भाई-बाप-बेटे किस काम के?

बेटी बचाओ ... बचा सको तो!

ये हमारा भारत है, बेशर्म बेगैरत है, सूरत कैसी भी हो इसकी, कुकर्मी इसकी सीरत है! यही हमारी नीयत है, यही हमारी नीति है, औरत वही जो चुपचाप, हमारी बदसलूकी सहती है! हमें गाय से प्यार है, उसके मुकाबले औरत बेकार है, यही हमारे शास्त्र हैं, यही हमारा संस्कार है। हमें छेड़छाड़ स्वीकार है, गोपियों के वस्त्र हमारे खेल हैं, गले मे सूत्र और नाक पे नकेल है, ये गुस्सा बेकार है, वही हो रहा जो हमें स्वीकार है! http://www.ndtv.com/chandigarh-news/bjp-leader-subhash-baralas-son-vikas-barala-summoned-after-police-watch-cctv-footage-of-stalking-1735246