नाम - लड़की जगह - कश्मीर उम्र - कोई ठिकाना नहीं देश - घर के बाहर खड़े AK-47 (या वैसा ही कुछ) आर्मी वालों से पूछ कर बताउं? जन्म दिवस - रोज़! अगर जिंदा बच गए तो तालीम - झुठी, गुमराह करने वाली (स्कूल की) ----- 144, कर्फ्यू, तलाशी, ताकत, बेइज्जती, शौक - इज्ज़त, आज़ादी, आईने से आँख मिलाना घर में कौन कौन है - है या था? मौज़ूद या मिसिंग? दोस्त - ज़िंदा या मुर्दा? स्कूल में या अस्पताल में? कोई सपना - 'दिन का?' - रात में चैन की नींद 'रात का?' - "कश्मीर" आप किस बात से मुतासिर हैं, प्रेरित हैं? - कश्मीरियत पाँच साल बाद आप अपने आप को ? पाँच साल? पहले दे दीजिए, पाँच साल? एक दिन ही दे दीजिए?
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।