सपनों के पंख होते हैं, अक्सर, और कुछ सपनों को लड़ाकू विमान लगते हैं, एयर फोर्स का जज़्बा जाए लेने तेल! रॉफेल! ज़िंदगी आपको कई बार धूल चटाएगी, हिम्मत आपको वापस पैरों खड़ा कराएगी, हिम्मत नहीं तो रिश्वत काम आएगी, हमारा लालच है बेमेल! रॉफेल! सबके साथ, सबका विकास, पर पहले ज़रा मेरे मन की बात, करोड़ों के मेरे ज़ज़्बात! निकालें जनता का तेल, रॉफेल देशभक्ति, राष्ट्रगान, मधुर वाणी, पर सिक्कों की खनखनाहट का कहाँ सानी, अडानी, अडानी, अम्बानी अम्बानी, सुर और ताल का क्या मेल, रॉफेल! चाय की केतली, साथी जेटली, शाह की शय, हमें किसका भय, कितने झूठ चला दिए सच की जगह! ऐसा हमारा खेल रॉफेल
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।