वक्त सही है साथ नहीं
साथ सही है वक्त नहीं,
वो ख़ास लम्हा हो, ये
खत्म होती तलाश नहीं!
साथ सही है वक्त नहीं,
वो ख़ास लम्हा हो, ये
खत्म होती तलाश नहीं!
जो है पास वो क्या है
उसकी क्या जगह है?
नज़र भटक रही उस मोड़,
शायद बेहतर सुबह है?
उसकी क्या जगह है?
नज़र भटक रही उस मोड़,
शायद बेहतर सुबह है?
जो दरारें हैं वही आप हैं,
मरम्मत करना बेकार है!
कोई लम्हा, कोई ख़ास,
एक फ़रेब है ये एहसास!!
आप जब आप होते हैं,
वक्त के बाद होते हैं,
दिलों के साथ आने के
मा'क़ूल हालात होते हैं!
(मा'क़ूल - appropriate)
मरम्मत करना बेकार है!
कोई लम्हा, कोई ख़ास,
एक फ़रेब है ये एहसास!!
आप जब आप होते हैं,
वक्त के बाद होते हैं,
दिलों के साथ आने के
मा'क़ूल हालात होते हैं!
(मा'क़ूल - appropriate)
लगा दिए हैं पैमाने ओताउम्र हम नाप रहे हैं,
दुनिया के कहे पर, कम,
ख़ुद को आंक रहे हैं!
(ताउम्र -whole life)
दुनिया के कहे पर, कम,
ख़ुद को आंक रहे हैं!
(ताउम्र -whole life)
वक्त के बाद होइए
ज़रा आजाद होइए,इंतजार ज़ंजीर है,आप बस आप होइए!!(created from the text on a insta status) right person, wrong timeright person, wrong timeif it's right, you won't know.because you're too busy looking for the right person, too busy looking for the right time and the perfect moment. And while you're stuck searching, ironically you are losing what you have already found.Losing a piece of who you are because you're tryin to fix the cracks in your life with a person, a moment, and a time that doesn't seem to exist.It's not about finding the right person or waiting fo the right time. It's about being your true self so when that person comes along, time doesn't exist
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें