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साफ बात!

 


रोशनी की खबर ओ अंधेरा साफ नज़र आता है,

वो जुल्फों में स्याह रंग यूंही नहीं जाया है!


हर चीज को कंधों पर उठाना नहीं पड़ता,

नजरों से आपको वजन नजर आता है!




आग है तेज और कोई जलता नहीं है,

गर्मजोशी में एक रिश्ता नज़र आता है!


पहुंचेंगे आप जब तो वहीं मिलेंगे,

साथ हैं पर यूंही नज़र नहीं आता है! 




अपनों के दिए हैं जो ज़हर पिए है

जो आपको कुछ कड़वा नज़र आता है!




माथे पर शिकन हैं कई ओ दिल में चुभन,

नज़ाकत का असर कुछ ऐसे हुआ जाता है!


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