कुछ
सच अब आपके थोड़े करीब आयेंगे!
बहुत
गुमाँ था आपको उनकी मोहब्बत
का
अब
आपके यकीन आपको आज़मायेंगे!
प्यार,
कौन
कहता है कि आप छोड़ दें,
दूर
से देखिये वो अब भी मुस्करायेंगे
खुल
गयी पोल मोहब्बत की राज़ रखिये,
अंदर
की बात क्यों चेहरा देवदास
रखिये!
दूर
के ढोल बड़े सुहाने होते हैं,
क्यों
पास जा कर दीवाने होते हैं,
क्यों
मोहब्बत का बाज़ारू सामान करते
हैं
सारा
दोष उनका और सब तोहमतें उन पर
कमज़ोर
यूँ अपनी मुश्किल आसान करते
हैं,
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