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ज़िंदगी आसान - निशा आदित्य टाईप!

साथ आपका, सफ़र साथ का,
ज़िंदगी इतनी आसान चाहिये!



बहुत किया इंतज़ार ज़िंदगी,
साथ साथ ही काम चाहिये!



आपस में ही पटना-निपटना है!
बस और क्या अब काम चाहिये?





बचपन पास है, ज़वानी साथ है, 
बस उतना ही सामान चाहिये!


ढूँढ ली जगह दिल में रहने कि,
हमको कहाँ कोई मकान चाहिये


जिसको देखो ' हमें मालूम था'
फ़िर भी सबको एलान चाहिये!





इश्क़ लम्हा, हमसफ़री रास्ता है, 

ऐसेइ थोड़े हमको प्लान चाहिये?



जो है सो है, सीधी सी बात है, 

इसमें क्यों कोई विज्ञान चाहिए?


अपने हिस्से की दुनिया हम बदल लेंगे,

अभी शुरू है बस थोड़ा टाइम चाहिए!


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