मैं उम्मीद हूँ ख़त्म कैसे हूँ,
कैसे उदास हूँ?
मैं उम्मीद हूँ क्यों में हताश हूँ?
मैं आवाज़ हूँ, मुझे कहना है,
बिकाऊ शोरों से गुज़र बहना है,
आपको लगता है विवाद
मैं अपवाद हूँ, और सच,
ज़ाहिर है, आपको नज़र नहीं,
कई सच आपको असर नहीं!
मैं इंसा हूँ अंदर बाहर और सामने,
आपको दिखता नहीं,
आपके पैरों की नीचे ज़मीन,
अधर में लटके हैं आप,
बिन मेरे साथ,
मैं आग हूँ
ज़ल रही हूँ, पर राख नहीं,
अपनी उम्मीद हूँ,
अपनों की,
आपकी ख़ाक नहीं!
ये ठहाके पुराने हैं,
सदियों से, आपके,
इरादे , नीयत
हम फिर भी अपनी सांस हैं,
फिर भी इंसान हैं,
आप अब भी भूख -प्यास हैं,
रोटी के टुकड़ों से खेलने वाले,
आपका नाम इंसान नहीं है,
सरकार मुबारक हो!
कैसे उदास हूँ?
मैं उम्मीद हूँ क्यों में हताश हूँ?
मैं आवाज़ हूँ, मुझे कहना है,
बिकाऊ शोरों से गुज़र बहना है,
आपको लगता है विवाद
मैं अपवाद हूँ, और सच,
ज़ाहिर है, आपको नज़र नहीं,
कई सच आपको असर नहीं!
मैं इंसा हूँ अंदर बाहर और सामने,
आपको दिखता नहीं,
आपके पैरों की नीचे ज़मीन,
अधर में लटके हैं आप,
बिन मेरे साथ,
मैं आग हूँ
ज़ल रही हूँ, पर राख नहीं,
अपनी उम्मीद हूँ,
अपनों की,
आपकी ख़ाक नहीं!
ये ठहाके पुराने हैं,
सदियों से, आपके,
इरादे , नीयत
हम फिर भी अपनी सांस हैं,
फिर भी इंसान हैं,
आप अब भी भूख -प्यास हैं,
रोटी के टुकड़ों से खेलने वाले,
आपका नाम इंसान नहीं है,
सरकार मुबारक हो!
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