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अप्रैल, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

@46

हर सूरत खूबसुरत है, जज़्बा है. जो सीरत है ! हर कदम आपके साथ है, हर साथ को सौगात है! कहने को कई सारी बात है, पूछिए आप, फ़िर बात है! सोच दूर तक जाती है, पैरों को जो माती है ! कोई डर नहीं है डरने में, जो है सो है, करने में! काम, कोई, आसान नहीं है, मुश्किल है पर आसमान नहीं है! देश धर्म जात सब बकवास है ख़ालिस  इंसानियत की प्यास है! जज़्बाती भी हैं और ज़ाहिर भी, और अपनेपन में माहिर भी! हर करवट, हर आहट शोर है, नींद को अपनी खासी कमजोर हैं! प्यासे हैं यूँ कर पिलाते हैं, कोई तारे तोड़ने नहीं जाते!

हमारे विकल्प

बहुत विवाद है? मुश्किल में हैं? चिंता, शंका आपके दिल में है? जिनको बोलना चाहिए  वो चूहे से बिल में हैं! किसकी सुनें, किसकी मानें, लाठी अपनी किस पर ठानें? काहे के मर्द, कैसे मूछें तानें? बतलाए कोई, क्या करें बहाने? चिंता न करें आपके पास कई विकल्प हैं! चुनिए! विवेक से गुनिए, अंधभक्त सा न बनिए!  (a) मंदिर रेप करने के लिए हैं  (इतिहास गवाह है, देवदासियों की कसम) (b) मंदिर में भगवान नहीं होते (बाउंसर होते हैं जिनको पूजारी कहते) (c) रेप में भगवान शामिल थे  (आप लेफ्टिस्ट, देशद्रोही, हिंदू विरोधी हैं, जान बचानी है तो भागिए) (d) पूजापाठ से रेप का अपराध माफ़ होता है  (ये विकल्प चुनने से आप को "योगिश्री की उपाधी मिलेगी) (e) रेप हुआ ही नहीं  (ये ऑप्शन चुनने पर बीजेपी की आजीवन सदस्यता मुफ्त) (f) लड़की मुसलमान थी  (इस ऑप्शन के साथ आपको बीजेपी, आरएसएस, विहिप की सदस्यता मुफ्त) (g) भारत माता की जय   ( ये ऑप्शन अगर आपने चूना तो मर्दानगी का इलाज कराने के लिए हकीम साहनी से मिलें, पता - लखनऊ स्टेशन के रास्ते की दीवारों पर उपलब्ध) (h) कारग

सर्वोच्च च च च!

अब गुनाह ज़रा और आसान है, सुना कि कोर्ट का जजेज़ अब भगवान है, और भगवान के राज में  देर होती है, नारदी हेरफेर होती है, भगवान क़ानून नहीं पालता, भक्त का भला करता है, और बाकी सब को चलता, भगवान के राज पुजारी चलाते है, जिसमें, दुबे, पांडे, मिश्रा आते हैं, लंबा सफ़र तय किया है इस देश ने, न्याय के मंदिर में अब मंदिर वाला न्याय होगा, जो सोना चढ़ाएगा, उसका नम्बर पहले आएगा! लोकतंत्र को भावपूर्ण श्रधांजलि के साथ, सत्य मेवा फलते! नेता थे बेकार, नौकरशाही उनका शिकार, फिर बिके पत्रकार, अब न्यायपालिका पर वार!

बेटी - बचाओ बचाओ!

वो सब राम के बंदे थे, मजबूर थे की नीयत के नंगे थे! परंपराओं के पक्के थे, कुछ अधेड़ थे कुछ उम्र के कच्चे थे, पर इरादों के अपने पक्के थे, दिल थोड़ा नाज़्ज़ुक था, बच्ची पर आ गया, पर फिर भी इरादों से नहीं डगमगाए, बच्ची को मुश्किल न हो, इसलिए दवा भी दिलाए, मारने के बाद भी उसके कपड़े धुलाए, और इस सब में भी पूजा पाठ, भक्ति की पराकाष्ठा कहिए, संतो की वाणी है, अच्छे-बुरे में एक समान, देवस्थान! जय श्री राम! नहीं पड़ेगा जो हनुमान चालीसा, उसका होगा काम तमाम! भारत माता की जय, वंदे मातरम, डर किसका है! (इस्तेमाल किए गए व्यंग चित्र भगवान का अपमान नहीं करते, न ही ऐसी मेरी कोई मंशा है, वो इस बात की तरफ़ इशारा करते हैं कि भगवान के नाम का कैसा गलत इस्तेमाल हो रहा है)

आज की ताजा ख़बर!

नफ़रत के नए कारोबार निकले हैं, चेतिये के हैवानी सरोकार निकले हैं, सरकार को इंसानियत कमज़ोर चाहिए, बड़े संगीन ये पैरोकार निकले हैं! सच जानिए फिर मानने की बात करेंगें, क्या हम को आज के हालात करेंगे? मुँह बोली खबरें ज़ज्बातों को धरेंगे, बहाना चाहिए, किसी से नफरत करेंगे!!😢 बाबुल बबूल बन गया, फूल कैसे शूल बन गया? नफ़रत के कारोबारी को, मासूमों का खून कबूल हो गया!! सब लीक हो रहा है, हाथ कुछ नहीं आता, और कहते हैं सब ठीक हो रहा है? इंसानियत तार-तार है, और रामनाम पैबंद हो गया है, हिंदुत्व जैसे बदबूदार गंद हो गया है! बेटा राम को गंवारा नहीं हुआ, ईमाम नफरत का मारा नहीं हुआ, जल रही है आग तमाम सीनों में, मोहब्बत से किस का गुजारा न हुआ? अम्बेडकर में राम आ गया, सीता को राम खा गया, बगल की छुरी को राम भा गया, नवमी को तेरवी का पैगाम आ गया अमन रखने इमाम कह गया, बाज़ार धर्म का सामान आ गया, नफ़रत चारों धाम आ गया! पेट्रोल डीजल को आसमान मिला है, 15 लाख न मिलने का इनाम मिला है, कहते हैं भारत को दुनिया में शान मिला है, पूछिए किसान से, शमशान मिला है!! बेटियों के गरेबां क़ानून