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आंखों में, आंखों से...



रोज  जीते हैं,
और मरते भी रोज़ हैं,
अपनी ही आंखों में,
आंखों से,
आँख मिलाएं कैसे?

सब जान कर, देख कर,
न माने कैसे, और मान जाएं कैसे?

अपनी ही आंखों में,
आंखों से,
आँख मिलाएं कैसे?

जो 'है', वो 'था'
अपने अकेले हैं
और सब के साथ,
क्या है हमारे हाथ?
खाली हैं,
तो क्या फैला दें?
कोई वज़ह तो हो,
खुद की पीठ ही सहला लें?
मजबूर हैं पर मंज़ूर नहीं हैं,

अपनी ही आंखों में,
आंखों से,

आँख मिलाएं कैसे?

अपनी ही आह कब तक सुनें,
कौन से दर्द चुनें,
अपने या अपनों के?


अपनी ही आंखों में,
आंखों से,
आँख मिलाएं कैसे?


मुमकिनियत, 
रवैया है या लतीफ़ा
हौंसला बढाएं किसका
किसकी पीठ सहलाएं?

अपनी ही आंखों में,
आंखों से,

आँख कैसे मिलाएं?


क्या तबीयत, क्या तर्बीयत, 
क्या हुकूक, क्या हक़ीकत, 
हमारी वज़ा क्या है
ओ रज़ा क्या है?
बताएं? किसको, कैसे ? 

अपनी ही आंखों में,
आंखों से,
आँख मिलाएं कैसे?

टूटे काँच, बंद दरवाजे,
गुमशुदा, साँसें या लाशें?
हर कदम पहरा, शक गहरा,
आईनों पर हरसू पहरा!


अपनी ही आंखों में,
आंखों से,

आँख मिलाएं कैसे?


(कश्मीर में हम चाइल्ड फ़्रेंडली स्पेस चलाने वाले लोगों के साथ प्ले फ़ॉर पीस साझा करने गए थे। वहां कहे - अनकहे बहुत सारे किस्से सुने, महसूस किए, वहीं से इस अभिव्यक्ति का जन्म हुआ)

मुमकिनियत - possibilities; लतीफ़ा - joke; तर्बीयत - conditioning; हुकूक - rights; वज़ा - manner; रज़ा - willingness

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