सब बडा है,
सभ्यता, तरक्की, घमंड
और बड़बोलापन,
इंसान आज
दिमाग की समझ है,
सूरज की बिजली,
जमीन से तेल,
तेज़ रफ़्तार सब,
और अब?
हर तरफ़ जंग है,
हर तरफ़ जंग है,
सोच इतनी तंग है,
किसी को पीछे छोड देना,
कामयाबी है!
नज़र नहीं आती,
दिखा देंगे सच,
आप नकाब तो हटाईए,
आप पूरे हैं,
और क्या चाहिए?
सुनिए,
सुनिए,
खुद को, गौर से,
दूर हो,
दुनिया के शोर से,
आप किसी की राय नहीं हैं,
उदासी को निराश न करो,
अकेलापन, अधूरा मन,
सुन,
आपको दोषी नहीं ठहराता!
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