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ऑक्सीजन!



 .......(फूलती साँसे) 

........हाँफते हाँफते

एम्बुलेंस....? 

रिक्शा, ठेला....जो मिल जाए सो!

अस्पताल

इंतज़ार,

लंबी लाइन

कागजात

ऑक्सीजन ऑक्सिजन ऑक्सीजन

........ (खामोशी)

.........(कोई जवाब नहीं)

..........(अबकी बार, इंतज़ार)

ऑक्सीजन ऑक्सिजन ऑक्सीजन

सरकार कहाँ है? 

ओह! चुनाव रैली!! ,

अरे "A" को ऑक्सीजन चाहिए (ट्विटर पर x)

अच्छा में पूछता हूँ, (ट्विटर पर Y)

Y (व्हाट्सअप ग्रुप में) 

अरे! "A" को ऑक्सीजन चाहिए

XYZ, 

पूछो, बताओ, पता करो, (व्हाट्सएप, टिवटर, फेसबुक, इंस्टा)

हां मिला!

उसको बताओ,

कनेक्ट कराओ, 

वहां पहुंचाओ!!

ऑक्सीजन ऑक्सिजन ऑक्सीजन

हां मिल गया हां मिल गया हां मिल गया 

हां मिल गया हां मिल गया....

1. अब शायद बच जाए!

2. बच गए!

3. हस्पताल में बिस्तर नहीं है!

4. मिल गया, पर अब देर हो गयी!

5. अब ऑक्सीजन नहीं, क्रियाकर्म करवा दीजिए!

.....

अब की बार, अंतिम संस्कार!!



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हाथ पर हाथ!!

मर्द बने बैठे हैं हमदर्द बने बैठे हैं, सब्र बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अल्फाज़ बने बैठे हैं आवाज बने बैठे हैं, अंदाज बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! शिकन बने बैठे हैं, सुखन बने बैठे हैं, बेचैन बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अंगार बने बैठे हैं तूफान बने बैठे हैं, जिंदा हैं शमशान बने बैठे हैं! शोर बिना बैठे हैं, चीख बचा बैठे हैं, सोच बना बैठे हैं बस बैठे हैं! कल दफना बैठे हैं, आज गंवा बैठे हैं, कल मालूम है हमें, फिर भी बस बैठे हैं! मस्जिद ढहा बैठे हैं, मंदिर चढ़ा बैठे हैं, इंसानियत को अहंकार का कफ़न उड़ा बैठे हैं! तोड़ कानून बैठे हैं, जनमत के नाम बैठे हैं, मेरा मुल्क है ये गर, गद्दी पर मेरे शैतान बैठे हैं! चहचहाए बैठे हैं,  लहलहाए बैठे हैं, मूंह में खून लग गया जिसके, बड़े मुस्कराए बैठे हैं! कल गुनाह था उनका आज इनाम बन गया है, हत्या श्री, बलात्कार श्री, तमगा लगाए बैठे हैं!!

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