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खूबसूरती क्या है?
क्या है ....
दिल और दिमाग,
जब एक होकर 
किसी मधुर सच्चाई से मिलते हैं 
आराम से
निश्चिन्त होकर,

बिना किसी रूकावट  
उस पल की... खूबसूरती का एहसास क्या है ?



खूबसूरती!
इसके मायने जिंदगी को लाज़मी हैं
पर क्या हम,
इस खूबसूरत एहसास की तरफ जीवंत हैं ?

या फिर
अपने विचारों की सुरंग में ही,

अपने जीवन का अंत है!

नदी, तालाब, पहाड़ों से बहता,
हरियाली का सैलाब,
इस खूबसूरती के बीच रहकर,


हम अगर धुप छांव नहीं खेल रहे
तो क्या हम जी रहे हैं ?


(जिद्दू कृष्णमूर्ति के आलेखों से अनुरचित)

टिप्पणियाँ

  1. जिए जाते हैं हम,
    सोच कर कल कुछ नया होगा,
    आज से बेहतर कुछ अलग सा होगा,
    करते हुए उस कल का इन्तेजार , अनजान , अनदेखा , पराया ..
    जो अपना था ' आज ' वो पल तो निकल गया ..

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