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आसान काम!


जो मालुम है उस पर यकीन रहने दो!
अपने सपनों को तुम हसीन रहने दो!!


मुश्किलों को अपनी आसान रहने दो!
जब तक मैं हुँ, मेरी जान रहने दो!!








कब समझे है आईने अंजान रहने दो!
अपनी आँखों में ही अपनी शान रहने दो!!

मुझको मुझसे ही समझो,
बात आसान रहने दो!
मेरी गलतियों को तुम मेहमान रहने दो!!



छू कर महसूस करो लगे जो दाम रहने दो!
जिंदगी को अपनी छलकता जाम रहने दो !!

चोट और भी हों, रस्ते का काम
रहने दो!
मुझे अपने छालों का बाम रहने दो!!

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हाथ पर हाथ!!

मर्द बने बैठे हैं हमदर्द बने बैठे हैं, सब्र बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अल्फाज़ बने बैठे हैं आवाज बने बैठे हैं, अंदाज बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! शिकन बने बैठे हैं, सुखन बने बैठे हैं, बेचैन बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अंगार बने बैठे हैं तूफान बने बैठे हैं, जिंदा हैं शमशान बने बैठे हैं! शोर बिना बैठे हैं, चीख बचा बैठे हैं, सोच बना बैठे हैं बस बैठे हैं! कल दफना बैठे हैं, आज गंवा बैठे हैं, कल मालूम है हमें, फिर भी बस बैठे हैं! मस्जिद ढहा बैठे हैं, मंदिर चढ़ा बैठे हैं, इंसानियत को अहंकार का कफ़न उड़ा बैठे हैं! तोड़ कानून बैठे हैं, जनमत के नाम बैठे हैं, मेरा मुल्क है ये गर, गद्दी पर मेरे शैतान बैठे हैं! चहचहाए बैठे हैं,  लहलहाए बैठे हैं, मूंह में खून लग गया जिसके, बड़े मुस्कराए बैठे हैं! कल गुनाह था उनका आज इनाम बन गया है, हत्या श्री, बलात्कार श्री, तमगा लगाए बैठे हैं!!

पूजा अर्चना प्रार्थना!

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हमदिली की कश्मकश!

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