तमाम रोशनी,
रास्ता रोशन करते!
रास्ते
किसका?
कौनसा?
किसके वास्ते?
और जो दिख नहीं रहे?
रोशनी के एकछत्र राज्य से,
गुमनामी का शिकार,
उन रास्तों का क्या?
रोशनी चौंधियाती है,
मरीचिका,
आपको बुलाती है,
और वो भी सतरंगी!
चुनने की चुनौती,
और दौड़ में,
आगे रहने की पनौती,
क्या आप अपने अंधेरों को जानते हैं?
उनसे बात करते हैं
या फिर जज़्बात?
फिर कौन सी रोशनी चुनेंगे?
कौन सा रास्ता?
अपने अंधेरों को सुनेंगे
या
चमक को गुनेंगे ?
अंधेरों में आईने नहीं बोलते,
आप और आपके सच,
साथ होते हैं, और
आप आप होते हैं!
बाहर की रोशनी चमक है,
अंदर होगी तो आप रोशन होंगे!
आपकी क्या समझ है?
रास्ता रोशन करते!
रास्ते
किसका?
कौनसा?
किसके वास्ते?
और जो दिख नहीं रहे?
रोशनी के एकछत्र राज्य से,
गुमनामी का शिकार,
उन रास्तों का क्या?
रोशनी चौंधियाती है,
मरीचिका,
आपको बुलाती है,
और वो भी सतरंगी!
चुनने की चुनौती,
और दौड़ में,
आगे रहने की पनौती,
क्या आप अपने अंधेरों को जानते हैं?
उनसे बात करते हैं
या फिर जज़्बात?
फिर कौन सी रोशनी चुनेंगे?
कौन सा रास्ता?
अपने अंधेरों को सुनेंगे
या
चमक को गुनेंगे ?
अंधेरों में आईने नहीं बोलते,
आप और आपके सच,
साथ होते हैं, और
आप आप होते हैं!
बाहर की रोशनी चमक है,
अंदर होगी तो आप रोशन होंगे!
आपकी क्या समझ है?
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