स्वाति
स्वाति शेफ़
जो है वही, सही!
मुमकिन रवैया
एक हसीन ज्वालामुखी
अंदर पिघला हुआ,
अंदर पिघला हुआ,
बाहर ठोस, मजबूत
नर्म भी गरम भी
बे और शरम भी!
स्वाति साथ
स्वाति साथ
सौ फ़ीसदी
जब आपके पास हैं,
तो आपके पास ही,
आपही ख़ास भी,
आपही रास भी !
स्वाति जज़्बात
हूँ! क्या कहिए !
एक आग का दरिया है,
और डूब के जाना है,
एक समंदर है,
तर के, तैर के
तर के, तैर के
साहिल को साथ लिए!
ये पूछने की क्या बात?
जानो, बूझो, समझो!
अगर ख़याल है
फिर क्या सवाल है ?
चकित करो! इंतज़ार क्यों?
"रसिकपण च . . . .नाही"
"रसिकपण च . . . .नाही"
स्वाति शेफ़
जो है वही, सही!
मुमकिन रवैया
नींबू, इमली, आम,
एक साथ कई काम,
गुठली के दाम,
आज़ादी का नाम
कॉफी की लहक,
चॉकलेट की चहक,
अहा! क्या महक !
और एक जाम बस,
ज़रा बहक !
स्वाति मुलाक़ात
और आप कौन?
चलिए पहचान बनाऐं,
......
...... पर!
चलिए पहचान बनाऐं,
......
...... पर!
उसके लिए मिलना होगा!
ज़रा ठहरिए!
"अज्ञात"
इसीलिए 'मित्र' है !!
स्वाति कान
सब सुनते हैं,
आहट, चाहत
राहत, बगावत,
सच ओ बनावट
शक और शरारत
इरादे ओ आसार
टूटते समाचार,
हलचल और
खामोशी भी,
कहिए, क्या कहिए?
स्वाति उस्ताद
"अज्ञात"
इसीलिए 'मित्र' है !!
स्वाति कान
सब सुनते हैं,
आहट, चाहत
राहत, बगावत,
सच ओ बनावट
शक और शरारत
इरादे ओ आसार
टूटते समाचार,
हलचल और
खामोशी भी,
कहिए, क्या कहिए?
स्वाति उस्ताद
कितनों के जज़्बात
सही परख़
हर कोई फरक
आसमान उफ़क
यही एक सबक!
पीठ को हाथ,
यही एक सबक!
पीठ को हाथ,
उम्मीदी साथ
वाह! उस्ताद!
एक-एक अलग
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