कारवां
कितने मासूम सफर मोहताज़ हैं,
कितने मासूम सफर मोहताज़ हैं,
हिफाज़त
के
कैसे देखेंगे अंजान,
आँखों पर पर्दों कि आदत के !
कैसे देखेंगे अंजान,
आँखों पर पर्दों कि आदत के !
गुलामी
के दौर हैं चलो यही जश्न
करें,
सुनने को कान नहीं हैं,
क्या प्रश्न करें?
कवायत जारी है, दो कदम चले चलो,
ताक में रखो सोच, हाथ बस मले चलो!
सुनने को कान नहीं हैं,
क्या प्रश्न करें?
कवायत जारी है, दो कदम चले चलो,
ताक में रखो सोच, हाथ बस मले चलो!
लेकर
काँरवां चले थे,
रह गयी बस रहगुज़र,
कसर साथ में रह गयी,
या साथ का ये असर!
रह गयी बस रहगुज़र,
कसर साथ में रह गयी,
या साथ का ये असर!
तन्हाई
सवाल बचपन के लिये सफ़र करते हैं,
कुछ लोग ऐसे हैं ता-उम्र असर करते हैं!
सवाल बचपन के लिये सफ़र करते हैं,
कुछ लोग ऐसे हैं ता-उम्र असर करते हैं!
किसको
माफ़ करें, कहां
मलहम लगायें,
नस्ल कौन सी हो, फ़सल कहां उगायें?
नस्ल कौन सी हो, फ़सल कहां उगायें?
जामा
पहनते हैं दिखावट का,
खुद ही खुद को मंजुर नहीं हैं,
इश्क़ तो तमाम करते है,
गोया मोहब्बत का शऊर नही है!
खुद ही खुद को मंजुर नहीं हैं,
इश्क़ तो तमाम करते है,
गोया मोहब्बत का शऊर नही है!
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