आज ये हाल है,
बादल पूछ रहे हैं,
आपका क्या सवाल है?
क्या काया है,
क्या माया है?
हर लम्हा सौ का सवाया है!
किस को बनना बोलें,
किस को बिगड़ना?
अनगिनत सच,
एक साथ,
कोई किसी से भिड़ता नहीं है,
न कोई चिढ़ता है!
सब जानते हैं,
खुद से कोई कुछ नहीं है,
जमीं से आसमाँ बनता है,
पहाड़ से बादल,
पेड़ से हवा,
कौन सौ, कौन सवा,
कीजिए "मैं" को हवा,
पल बनिए, लम्हा चलिए,
मर्ज़ी उस रास्ते निकलिए,
जो है बस अभी है,
या मौका फिर कहाँ, कभी है!
आज़ाद हो जाइए,
आबाद हो जाइए!
Swati साथ at The Chirping Orchard Honestly in Mukteshwar.
बादल पूछ रहे हैं,
आपका क्या सवाल है?
क्या काया है,
क्या माया है?
हर लम्हा सौ का सवाया है!
किस को बनना बोलें,
किस को बिगड़ना?
अनगिनत सच,
एक साथ,
कोई किसी से भिड़ता नहीं है,
न कोई चिढ़ता है!
सब जानते हैं,
खुद से कोई कुछ नहीं है,
जमीं से आसमाँ बनता है,
पहाड़ से बादल,
पेड़ से हवा,
कौन सौ, कौन सवा,
कीजिए "मैं" को हवा,
पल बनिए, लम्हा चलिए,
मर्ज़ी उस रास्ते निकलिए,
जो है बस अभी है,
या मौका फिर कहाँ, कभी है!
आज़ाद हो जाइए,
आबाद हो जाइए!
Swati साथ at The Chirping Orchard Honestly in Mukteshwar.
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