खेल किसका है,
खिलाड़ी कौन है,
और इस खेल
अपने को लाचार मानता,
वो अनाड़ी कौन है?
दुनिया सबकी है,
दर्शक कोई भी नहीं,
आपको तय करना है,
आप खेल रहे हैं
या खेले जा रहे हैं?
मारे जा रहे हैं,
बेचारे जा रहे हैं,
खबर पड़ रहे हैं,
"हमारा क्या", बोल,
खुद को नकारे जा रहे हैं!
बड़ी ताकतें,
धमाकेदार बम,
ये सब में लाज़िम
सोचना,'कौन हम'? यूं,
खुद को'बेचारे' जा रहे हैं!
यही है खेल,
बड़ी सारी ताकत
कम,कमज़ोर,
हम?क्या करें? क्यों
अपने को सवाले जा रहे हैं!
सोच अपनी है,
रखें हमदिली, ओ
फैलती नफ़रत को
जहर बोल पाएं, ऐसे
अपने को संभाल पा रहे हैं!!
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