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आज़ाद रंग!

रंग सबके हिस्सों के, परदे आँखों पर किस्सों के,
आप पूरी तस्वीर हैं, मूरख देखे हिस्सों से!

इरादों के रंग जब जन्म लेते हैं, जिद्दी सच्चाइयों को बदल देते हैं,


अब हाथों को पीछे मत खींचना, चलो फिर एक आज को कल देते हैं!







हाथ बढ़े हैं आज कदम कब साथ देंगे,
हरकत यकीं को दीजे, मुश्किल को आग देंगे




रंगों में जान देखी, न कहे कि जबान देखी
आप ही अपनी सच्चाई हैं,
और कोशिशें (सारी) हराम देखी 



और कलाकार(मुग्धा) ने कहा

रंगों से रंगीले नगर जा पहुँचे
एक नयी दिशा आ पहुँचे
देखें अब खेल नया कोई 
अगली दीवार कि सज़ा कोई



सजने कि सज़ा है कबूल कर लीजे
उपनी हरकतों को उसूल कर लीजे
जिन रास्तों के मोड़ नहीं होते
उन रास्तों को फ़िज़ूल कर लीजे

कम्युनिकेशन मीडिया फॉर चिल्ड्रेन के पोस्ट ग्रैज़ुऐशन(एस अन डी टी विश्वविद्यालय पुणे) स्टुडेंट्स और मुग्धा कि अभिव्यक्तिओं पर आधारित 

टिप्पणियाँ

  1. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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  2. जिंदगी हंस के गुजरा है |
    जो चाहा वो पाया है ||
    आशा के पंख मजबूत है |
    आओ दुनिया हमारा है ||

    जवाब देंहटाएं
  3. इस नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं

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