नेक इरादॊं के फलक
खुदगर्ज़ मन की दुआ,
कुछ देर तलक,
कुछ देर तलक
खुदगर्ज़ मन की दुआ,
कुछ देर तलक,
कुछ देर तलक
खुदगर्ज़ मन की दुआ,
कुछ देर तलक, कुछ देर तलक
कौन जाने असर दुआ का है,
या मर्ज़ी ए मलक
या मर्ज़ी ए मलक
खुदगर्ज़ मन की दुआ,
कुछ देर तलक, कुछ देर तलक
सर हलाती हैं जमीं,
भेज मट्टी कि महक
भेज मट्टी कि महक
कान में बारिश की टिपक,
पत्तों पे बुंदों की चमक,
हर सांस इशारे से,
कहती है ज़रा और बहक
खुदगर्ज़ मन की दुआ,
कुछ देर तलक, कुछ देर तलक
बहुत ही सुन्दर व लाजवाब अभिव्यक्ति लगी ।
जवाब देंहटाएंBahut Khub.
जवाब देंहटाएंhttp://kavyamanjusha.blogspot.com/
Word verification bhi hata dijiye, comment karana sabke liye easy ho jaaega.
Shubhkaamnaae
wow..! the hindi is a bit oo much for me though !!!
जवाब देंहटाएंemotions aptly captured... facility with hindi is humbling. i wish i could write like this in ANY language. brilliantly done...
जवाब देंहटाएंgreat.... worth reading.........
जवाब देंहटाएंइन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
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