छ्प्पन का सीना है और दुम पैरों में छिपाई है,
असलियत सियार की न समझो हातिमताई हैकहीं की ईंट कहीं का रोड़ा नरिंदर ने कुनबा जोड़ा
दुनिया का कचरा भर कर हो गया छप्पन चौंड़ा!
ढोल पीट कर खुद का बखान करते हैं,
वो लोग जो कब्रों को मकान करते हैं!
सरकस-ए-जमहूरियत और बंदर मदारी हैं,
नयी चीज़ है बाज़ार में बिक्री ज़ारी है!
गांधी गांव का चौथा बंदर, सुनते हैं नाम नरिंदर,
देख बुरा, बोल बुरा, बुरा सुनना इसका मनतर!
नर, इंदर है या नर, भक्षी, क्या इसका निवाला है,
किसको पूछें कौन बतायें, सच का बस हवाला है!
नरिंदर की शादी है नरिंदर की बारात है,
मत आईये "आप" ये किसी और का गुजरात है!
छप्पन का सीना है और अरविंद के नाम से पसीना है,
किस तरह का मर्द नरिंदर, समझाये अगर कोई चीना है?
ड़र के मारे सीना छप्प्पन हो गया,
कोई खिलाड़ी बड़ा कच्चन हो गया!
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