तेवर सारे रुख बदल आसान हो गए!
इरादे नज़र आएं आसमान में कई,
सिर्फ आसार हैं जो दिल से बयाँ हैं
सिर्फ आसार हैं जो दिल से बयाँ हैं
बूँद बूँद ही सही भिगा कर मान गए
रास्ते मुसाफिर से पहचान बनाते हैं !
रास्ते मुसाफिर से पहचान बनाते हैं !
मुसाफिर कुछ सामने कुछ पीछे छूटे..
सच्चाइयाँ समेट कर मुट्ठी भर आसमान,
अर्ज़ करता है आप भी सुन लीजे!
अर्ज़ करता है आप भी सुन लीजे!
सपने बिखेर के मुट्ठी भर, आसमान,
अर्ज़ करता है आप भी चुन लीजे!
अर्ज़ करता है आप भी चुन लीजे!
बादलों की नकाब से रंग निकले हैं,
यूँ आज हर तरफ मज़ाज बदले हैं!....
यूँ आज हर तरफ मज़ाज बदले हैं!....
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें