गुम हैं,
कभी खुद में,
कभी तुम में,
कभी हम में,
हम हैं,
कभी साथ,
कभी अकेले,
कभी साथ अकेले,
तुम हो,
कभी साथ,
कभी अकेले,
कभी तुम,
प्यार है, इश्क भी, और मोहब्बत
इक़रार भी, कभी अश्क़, कभी बंदगी
तक़रार भी, कभी रश्क़। कभी बगावत
सरसवार भी, कभी फ़रहत दिलअज़ीज़ आदत (bliss)
गम हैं,
ख़ुशी भी,
शिकायत भी,
शरारत भी
ज़ख्म हैं,
दवा है,
दर्द भी, और
दुआ भी
नज़दीकी,
कभी रूमानी,
कभी रूहानी,
कभी बेमानी
हामी,
कभी इनकार,
कभी तक़रार,
कभी इसरार
मानी,
कभी मनमानी,
कभी बेमानी,
कभी नानी😊
दूरी,
कभी खुद से,
कभी तुमसे,
कभी अनबन से
रास्ते
कभी अपने
कभी सपने
कभी चखने
मोड़,
कभी बहकाते
कभी बहलाते
कभी संभलाते
दोनों की अलग
फ़ितरत, हर
आदत, साथ
क़यामत
दोनों की एक
सोच, साथ की
दुनिया हालात की
तमाम ताल्लुक़ात की
दोनों अकेले,
दुनियादारी के,
चारदीवारी के
मज़हबी बीमारी के
20 साल, 20 साल, 20 साल
कोई शक, कभी ख़ामोशी, कभी रास्ता,
कोई सवाल, कभी धमाल। कभी सफ़र
कोई मलाल? कभी हलाल ख़ासा असर
कभी खुद में,
कभी तुम में,
कभी हम में,
हम हैं,
कभी साथ,
कभी अकेले,
कभी साथ अकेले,
तुम हो,
कभी साथ,
कभी अकेले,
कभी तुम,
प्यार है, इश्क भी, और मोहब्बत
इक़रार भी, कभी अश्क़, कभी बंदगी
तक़रार भी, कभी रश्क़। कभी बगावत
सरसवार भी, कभी फ़रहत दिलअज़ीज़ आदत (bliss)
गम हैं,
ख़ुशी भी,
शिकायत भी,
शरारत भी
ज़ख्म हैं,
दवा है,
दर्द भी, और
दुआ भी
नज़दीकी,
कभी रूमानी,
कभी रूहानी,
कभी बेमानी
हामी,
कभी इनकार,
कभी तक़रार,
कभी इसरार
मानी,
कभी मनमानी,
कभी बेमानी,
कभी नानी😊
दूरी,
कभी खुद से,
कभी तुमसे,
कभी अनबन से
रास्ते
कभी अपने
कभी सपने
कभी चखने
मोड़,
कभी बहकाते
कभी बहलाते
कभी संभलाते
दोनों की अलग
फ़ितरत, हर
आदत, साथ
क़यामत
दोनों की एक
सोच, साथ की
दुनिया हालात की
तमाम ताल्लुक़ात की
दोनों अकेले,
दुनियादारी के,
चारदीवारी के
मज़हबी बीमारी के
20 साल, 20 साल, 20 साल
कोई शक, कभी ख़ामोशी, कभी रास्ता,
कोई सवाल, कभी धमाल। कभी सफ़र
कोई मलाल? कभी हलाल ख़ासा असर
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