जो हाथ में नहीं वो साथ क्यों
मुश्किल छोड़ना ये बात क्यों?
मुश्किल छोड़ना ये बात क्यों?
क्यों कहते हैं रास्ते साथ नहीं,
रास्ते चलते हैं और आप नहीं?
रास्ते चलते हैं और आप नहीं?
सवाल क्यों शिकार बन रहे हैं?
जवाब क्यों हिसाब बन गए हैं?
जवाब क्यों हिसाब बन गए हैं?
बात अपनी ही अपने से करिए,
आप ही रस्ता, अपना यकीं करिए!!
आप ही रस्ता, अपना यकीं करिए!!
जो पुराना नहीं क्या वो नया है?
क्या जुड़ा ओ क्या खो गया है?
क्या जुड़ा ओ क्या खो गया है?
आपके कदमों में रास्ते छुपे हैं,
क्या आप अपनी ज़मीं से जुड़े हैं?
क्या आप अपनी ज़मीं से जुड़े हैं?
सफ़र में दर्द भी और गर्त भी,
नए मोड़ और हमसफ़र भी!
नए मोड़ और हमसफ़र भी!
क्यों अपने ही इरादों से लड़ते हैं?
ग़ुमराह हक़ीकत, आगे चलते हैं!
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