खाए सो थाली छेद करें, पीट पीट के तोय,
ऐसी नाशुकरा हरकत से कोनहु भला न होए!
कोका भला सोच कंधे से कंधा मिल आए,
नेक इरादा आपका कोरोना कौन बताए?
भेड़ जो ढूंढन वो चला भेड़ न मिलया कोई,
करनी सबकी बोल रही, हमउँ तो भेड़ होई!
भेड़चाल ऐसी के जा गरबा कर आए,
पहले ताली पीटे अब खुद की पीठ थपाएँ!
थाली पीटत जग मुआ, कोरोना हुआ न कोई,
तीन आखर वायरस का छुआ सो बाको होई!!
कहे कबीर, माथा पीटत, अब हमसे न होई,
ताली बजा के छींक दिया, अब हमरा का होई?
ऐसी नाशुकरा हरकत से कोनहु भला न होए!
कोका भला सोच कंधे से कंधा मिल आए,
नेक इरादा आपका कोरोना कौन बताए?
अक्ल घुटने में धरो न!
शोर से भागती बीमारी??
जाके घांस चरो न!!
भेड़ जो ढूंढन वो चला भेड़ न मिलया कोई,
करनी सबकी बोल रही, हमउँ तो भेड़ होई!
भेड़चाल ऐसी के जा गरबा कर आए,
पहले ताली पीटे अब खुद की पीठ थपाएँ!
ताली जोर बजाए,
डागदर सबहुँ सोच रहे,
ये बीमारी कौन उपाय?
थाली पीटत जग मुआ, कोरोना हुआ न कोई,
तीन आखर वायरस का छुआ सो बाको होई!!
कहे कबीर, माथा पीटत, अब हमसे न होई,
ताली बजा के छींक दिया, अब हमरा का होई?





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