"कुछ होना है"
खेल है,
दुनिया का!
आप खिलौना हैं!
सच तमाम है,
झूठ बोलते,
उसके सामने
आप बौना हैं!
आप कम है,
क्योंकि
कोई ज्यादा है,
खेल घिनौना है!
कंधे किसी के
सीढ़ी किसी को
कामयाबी भी
बोझ ढोना है!
तराज़ू किस के,
नाप किसका
बाज़ार बड़ा है,
आप नमूना हैं!
रंग फीका है,
ऊंचाई टीका है,
वज़न ज्यादा कम
मुश्किल होना है!
"मैं" पहचान,
पीड़ा, अभिमान,
बड़ी तस्वीर, आप
एक कोना हैं!
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