आपस
में आज अपना बँटवारा हो गया
मैं
मेरा हो गया, तू
तेरा हो गया
जिस
ड़ाल पर बैठे बसेरा हो गया
वो
बैठा और बोला घर मेरा हो गया
आँख
खुली थी बस सबेरा हो गया
कोई
परेशान है सुना अँधेरा हो गया
कहता
है वो दुश्मन हमारा हो गया
एक
रिश्ता भगवान को प्यारा हो
गया
रास्ते ख़त्म नहीं होते किसी मोड़ भी
दीवारों का फिर क्यों ये बसेरा हो गया
लंबा सफ़र एक रस्ता और मकाम सारे
एकदम क्यों मतलब सब दोहरा हो गया
कैसा झगड़ा ये कि दिन मेरा हो गया
रास्ते ख़त्म नहीं होते किसी मोड़ भी
दीवारों का फिर क्यों ये बसेरा हो गया
लंबा सफ़र एक रस्ता और मकाम सारे
एकदम क्यों मतलब सब दोहरा हो गया
कैसा झगड़ा ये कि दिन मेरा हो गया
सूरज
निकला कैसा कि अंधेरा हो गया
(2000 में रचित, सीमित सोच और असुरक्षित मानसिकता को श्रदांजलि स्वरूप )
(2000 में रचित, सीमित सोच और असुरक्षित मानसिकता को श्रदांजलि स्वरूप )
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