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राम नाम सत्य है!

लगता है आप किसी संघ फ़ेमिली से आते हैं?
या उनके बेचे हुए सच आप को फ़ुसलाते हैं?
क्या घड़ियाली आँसू आप को खूब भाते हैं
चलो अंग्रेज़ों को आका बनाते हैं
वीर सावरकर कहलाते हैं, वैसे आजकल मोदी कहे जाते हैं,
हिंदू होना सबको सिखाते हैं, अपने हर शहर में पाकिस्तान बनाते हैं,

हम हिंदू धर्म के सेनापति हैं, जात पात हमारी शान है,
जात की क्या लड़ाई, सत्य Brahmin/ब्राह्मण है यही राम है,
जात के नाम पर मत लड़ो, नीच जात जाओ सड़ो!
हम कमल तुम कीचड़, दुर हटो लीचड़

हम रथ वाले, हमसे क्या मुकाबला करोगे, जानी,
तमाम शहीद हो गये, तारीफ़ है अड़वाणी
जय श्री राम, सब के सब मरोगे
हम भगवान के दूत हैं, सारे दंगे इस का सबूत हैं,
(ये सच है कि जितने दंगे आज तक आज़ाद भारत में हुए हैं उनमें मुसलमान मृतकों का बहूमत रहा है, जाहिर है मारने वालों में किस का बहुमत होगा)
मारते वक्त हम उम्र और हैसियत का लिहाज़ नहीं करते,
चाहे एहसान जाफ़री हों या गर्भवति शमीना
हम अपने इरादों पर 'अटल' हैं,

चलो बच्चों को सच का इतिहास पड़ाते हैं,
नाथूराम गोड़से की जीवनी सिखाते हैं,
सच को गोल_वोल_कर बताते हैं!
जो गांधियों को मारे उऩ्हे भारतरत्न दिलाते हैं,

आज समझ आया क्यों हम भारत को माँ कहते हैं,
हमारी परंपरा है,
हम सदियों से माँओं का धंधा करते हैं,
कभी घर में कभी सरेआम नंगा करते हैं
सीता, द्रोपदी या सुषमा,
सब हमारा साधन हैं, इस्तेमाल करने की चीज़,
या बटर,

विकल्प तो और भी होंगे पर हम
मोदी-मोदी भजन गाते हैं,
सुना है वो हिटलर की फ़ेमिली से आते हैं,
वो इस देश को साफ़ करेंगे,
गरीब हटायेंगे, बस टाटा-अम्बानी रह जायेंगे,
भूख हम मिटायेंगे,
सारी बहनों के लिये ड़ाईटिंग प्रोग्राम लायेंगे,

हिंदू राष्ट्र होगा,
बाकी धर्मों का पत्ता साफ़ होगा,
और ये सिर्फ़ बात नही है,
हमारे संकल्प में सब एक समान हैं,
क्रिस्ती, मुसलमान सब बहनें (सिस्टर, नन)
अहमदाबाद से झाबुआ, कंदमहल से मेंगलोर,
सब पर हमारी नज़र है, जानते हैं वो
हम उनके लिये बुरी खबर हैं,

आपकी उम्मीद जागी है तो ये सच होगी,
हम ही आसा के राम हैं,
हमारी माला जपते रहिये, सब कष्ट दुर होंगे,
बस आँखें बंद रखिये, पुरी आस्था
अब आप राम की शरण में हैं, हम सर्वव्यापी हैं,
रामसेना, आसाराम, रामदेव, कई श्री के शंकर,
शिव के नारायण, नर के ईन्द्र, मुरली के मनोहर,
लाल के कृष्ण और बजरंगी बाबू,
आपकी समस्याओं से निपटने कि लिये
हमारे ये ठेकेदार काफ़ी है!
जय सिया राम,
ओह! माफ़ करिये!
सीता को तो गाड़ दिये,
जय श्री राम!





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मर्द बने बैठे हैं हमदर्द बने बैठे हैं, सब्र बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अल्फाज़ बने बैठे हैं आवाज बने बैठे हैं, अंदाज बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! शिकन बने बैठे हैं, सुखन बने बैठे हैं, बेचैन बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अंगार बने बैठे हैं तूफान बने बैठे हैं, जिंदा हैं शमशान बने बैठे हैं! शोर बिना बैठे हैं, चीख बचा बैठे हैं, सोच बना बैठे हैं बस बैठे हैं! कल दफना बैठे हैं, आज गंवा बैठे हैं, कल मालूम है हमें, फिर भी बस बैठे हैं! मस्जिद ढहा बैठे हैं, मंदिर चढ़ा बैठे हैं, इंसानियत को अहंकार का कफ़न उड़ा बैठे हैं! तोड़ कानून बैठे हैं, जनमत के नाम बैठे हैं, मेरा मुल्क है ये गर, गद्दी पर मेरे शैतान बैठे हैं! चहचहाए बैठे हैं,  लहलहाए बैठे हैं, मूंह में खून लग गया जिसके, बड़े मुस्कराए बैठे हैं! कल गुनाह था उनका आज इनाम बन गया है, हत्या श्री, बलात्कार श्री, तमगा लगाए बैठे हैं!!

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