
सच कहें तो सब माया हैऔर माया कहें तो सब सच!
चलिए झोली खाली ही सही
सवाल सफ़र में बड़े काम आएंगे!
शाम को रुकने को कहिये
दिन रात से बचना है कहिये!चलिए कुछ नया करते हैं,
कहीं उम्मीद हताश न हो!
रास्ते ख़त्म नहीं होते
इरादों को ज़रा टटोलिये
बच्चे बेबस हैं जिस समाज में
क्यों कोई सर उठा जीता है?
हर लम्हा तारीख़ होता है,
सच ये है,
इतिहास गवाह नहीं!
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