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इति हँस!

इतिहास है या किसी खास की बात है,
इसमें मामूली कुछ भी नहीं, यानी
खासी बकवास है!

इतिहास गवाह है,
पर उसने कभी गीता पर हाथ नहीं रख्खा!
बाकि आप खुद समझदार हैं!



आपने कौनसा इतिहास पड़ा है,
उस सच्चाई के आप गुलाम हैं

हमारी छाती छप्पन करने
तमाम सच हमारी शान हैं,
यही इतिहास का विज्ञान है!




इतिहास के बहादुर कौन,
और कौन गुम हैं पन्नों से,

गुंड़ागर्दी का पुराना नाम,
शूरवीर, चक्रवर्ती है!

इतिहास मज़ाक है पर कौन करता है
किसका घड़ा है और कौन भरता है!




क्या हमारा गौरव हमारा इतिहास्य है?
किताबों तले दफ़न कई मुँह बंद साँस है?


दिन की क्या बात करें,
गुजरे सदियाँ की है कहानी,
नादानी है यकीन करना,
 किसी आँखों का पानी!



सूना है सच बड़ा कड़वा होता है,
इतिहास कुछ और है, चख लीजे?


इतिहास महापुरुषों की अमर कहानी है,
और जाति, जुल्म, रंगभेद उनकी नादानी!



आप अपने इतिहास के सच्चे हैं,
यानी जिन्दगी के खेल में कच्चे हैं!

आज बदलते हैं, इतिहास बदलते हैं, 
आईनों की जगह तस्वीरें लगती हैं अब!

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