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राम, धरम और एक आसा!



आसा अब राम जपे या अपने कान पकड़े,
पैर छूने गये तो बाबा ने गरेबान पकड़े!

धर्म का नाम बलि है,
गवाहों को स्वर्ग मिली है!


 आसा के तो राम हो गए,
बाकी सब 'हे राम!हो गए

ॐ जय जगदीश हरे,
आसा से सब राम मरे!

आसा ने कितनों को राम का प्यारा किया,
मर गए सब जिनने आसा से किनारा किया 



रामप्यारे, वारे न्यारे, भक्त बधारे,
मूरख सारे सब झूठी आसा के मारे!

राम के बंदे हैं
या राम के धंधे

मस्ज़िद की कब्र पर मंदिर बनाएंगे,
इससे ज्यादा घटिया लोग कहाँ पाएंगे 


मज़हब इंसाँ हमको करता है थोडा कम,
धर्म धंधा है कामयाब गरीब गले का फंदा!

इस मुल्क में अब राम की शरण है,
या आपातकालीन मरण है!

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