किसका हाथ है, किसके साथ है,
क्या हो रहा है, ये नहीं,
ये की क्या जज़्बात है?
आप उम्मीद हैं
या सिर्फ हालात हैं?
हक़ीकत आग है,
दूर है कहीं, किसी को पास है!
वो जुदा है क्या,
जो आपका आकाश है?
अनछुआ, अछूता,
जो हो रहा है हर ओर,
आपको अवकाश है?
झाँक रहे हैं सच हर कोने से,
क्या नज़र है,
तय है आपके होने से!
नज़रिया क्या है?
वो जो चमकता है
या जो स्याह है?
वज़ह है क्या ओ
क्या सिवाय है?
सच के क्या मायने हैं,
सच के क्या आईने हैं?
जो दिख रहा है वो,
या जो टिक गया है वो,
मानने को मजबूर हैं,
या चलता है क्योंकि दूर हैं?
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें