सुरज की लाली, बादल काली,
और इसी में छुपी कहीं हरियाली!
और भी रंग हैं पहचाने से,
जो हैं,
और वो भी जो नज़र नहीं आते,
और इसी में छुपी कहीं हरियाली!
और भी रंग हैं पहचाने से,
जो हैं,
और वो भी जो नज़र नहीं आते,
पर आपको सबूत चाहिए,
दुनिया अपनी मजबूत चाहिए?
पहले जंगल को काट दिया,
फिर समंदर को बांट दिया,
आसमान में तारे खोजते हैं,
फिर पांच सितारा, वातानुकूलित,
कमरों में मुट्ठी भर पानी की
बोतल खोलते हैं,
एक्सपर्ट, उस्ताद, विशेषज्ञ बोलते हैं,
हम समझ गए हैं,
सिद्द किया है
इंसान सबसे समझदार प्राणी है!
आप भी समझ गए होंगे?
आखिर आप भी इंसान हैं?
आख़िर वेदों में लिखा है,
ज्ञान से ही मुक्ति है!
जल्दी ही!!
ज्ञान से ही मुक्ति है!
जल्दी ही!!
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