और चिड़ियाँ दाना चुग रही हैं,
खुन से सनी,
चीखें जो समा गयीं
तहों में, हज़म कर गयीं तारिख को,
और क्या मज़ाल है, कि दरार
एक भी नज़र आये, परेशानी कि,
हंस कर बोली चिड़िया, बख्श दो,
इंसान होना बीमारी है,
इसलिये कहीं जंग,
अभी भी ज़ारी है, और इलाज़
इस बात का अभिमान है,
आसमान बचाये,
अरे! यही तो बीमारी का नाम है!
आसमान बचाये,
अरे! यही तो बीमारी का नाम है!
(Toul Slang Genocide Museum में इतिहास पर आंसु बहाते पर्यटक, और अपनी सच्चाइयॊं का दाना चुगती चिड़ियॊं को देखकर)
बेहतरीन
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