सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

फार्मूला-ए-देशप्रेम!

देश भक्त होना कितना आसान है,
घर बैठे बैठे करने का ये काम है,
सरकार ने नए फॉर्मूले बनाए हैं,
माँ कसम, इतने सरल उपाय हैं!

फॉर्मूला नम्बर 1
"ख़ामोशी सोना है"
बोल कर क्या होना है?
चुप रहिए,
"शांत रहो",
अपने ज़मीर को कहिए,
सरकार, जनता की, जनता के लिए,
गलत कुछ कर नहीं सकती,
आपको यूँही शक है, और
शक का कोई इलाज नहीं,
इस फॉर्मूले को प्रधानमंत्री का सपोर्ट है,
अगर आप नहीं करते तो
आपके मन में खोट है,
आप देश द्रोही हैं,
और आपको डंडा मिलेगा,
सख्ती से आपको सच मिलेगा!

फार्मूला नंबर 2
लाईन में खड़े हो,
जितनी लंबी लाईन,
जितनी देर,
आप खड़े खड़े समय बिताएंगे,
आप अपने आप देशभक्त गिने जाएंगे,
पैसा तो वैसे भी हाथों का मैल है,
आज नहीं तो कल, ...कल....कल
हाथ आ जायेगा!
अब ख़ाली ज़ेब वाला भी,
देशभक्त कहलायेगा!

(चेतावनी
"मेरा नम्बर कब आएगा"
ये पूछना पाप है, )
लाइन में खड़े रहने,
आपके लिए एक जाप है,
इसमें राम बाबा की छाप है,
पतन को अंजलि दीजिए,
कहिए,
'अच्छे दिन आएंगे' ....साँस अंदर .....साँस बाहर

फार्मूला नम्बर 3
लकी रंग अपनाएं,
भगवा या खाकी,
इनकी है सब झांकी,
हरे से रहें दूर,

फ़ॉर्मूला नम्बर 4
एक-दो लाज़बाव ज़वाब,
सवाल कोई भी हो,
कितना भी मुश्किल,
ज़िन्दगी यी मौत की बात हो,
दुल्हन की बारात हो,
प्यार की सौगात हो,
"सिपाही बर्फ में खड़े हैं"
"देश की लिए इतना तो...

सवाल - गरीब भूख से क्यों मरता है?
जवाब - सिपाही बॉर्डर पर क्या करता है

सवाल- औरतो के साथ ये कैसा व्यवहार?
जबाव - (2 मिनिट सोचने के बाद) भारत माता की जय

सवाल. - लोग लाइन में खड़े मर रहे हैं?
जवाब - सियाचिन में झंडे गड़ रहे हैं!

सवाल- रोज आर.बी.आईं. के नियम बदल रहे हैं?
जवाब - गौ मूत्र से सब ठीक हो जाएगा!

फार्मूला 5
स्वयंसेवक ट्रोल बनिए,
जिसकी तरफ साहेब ऊँगली उठाएं,
या जो साहेब कि तरफ अंगुली उठाए,
उसे कुतिआए, गलिआईए,
उसकी मां बहन एक करिए,
देश के लिए अपना जज्बा,
यूँ नेक करिए!
जितने ज्यादा ऐसे ट्वीट करेंगे,
अपने देशप्रेम को स्वीट करेंगे!


भारत भाग्य विधाता ,
बोलें भारत माता की जय,
अपनी जेब से क्या जाता!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

साफ बात!

  रोशनी की खबर ओ अंधेरा साफ नज़र आता है, वो जुल्फों में स्याह रंग यूंही नहीं जाया है! हर चीज को कंधों पर उठाना नहीं पड़ता, नजरों से आपको वजन नजर आता है! आग है तेज और कोई जलता नहीं है, गर्मजोशी में एक रिश्ता नज़र आता है! पहुंचेंगे आप जब तो वहीं मिलेंगे, साथ हैं पर यूंही नज़र नहीं आता है!  अपनों के दिए हैं जो ज़हर पिए है जो आपको कुछ कड़वा नज़र आता है! माथे पर शिकन हैं कई ओ दिल में चुभन, नज़ाकत का असर कुछ ऐसे हुआ जाता है!

मेरे गुनाह!

सांसे गुनाह हैं  सपने गुनाह हैं,। इस दौर में सारे अपने गुनाह हैं।। मणिपुर गुनाह है, गाजा गुनाह है, जमीर हो थोड़ा तो जीना गुनाह है! अज़मत गुनाह है, अकीदत गुनाह है, मेरे नहीं, तो आप हर शक्ल गुनाह हैं! ज़हन वहां है,(गाज़ा) कदम जा नहीं रहे, यारब मेरी ये अदनी मजबूरियां गुनाह हैं! कबूल है हमको कि हम गुनहगार हैं, आराम से घर बैठे ये कहना गुनाह है!  दिमाग चला रहा है दिल का कारखाना, बोले तो गुनहगार ओ खामोशी गुनाह है, जब भी जहां भी मासूम मरते हैं, उन सब दौर में ख़ुदा होना गुनाह है!

जिंदगी ज़हर!

जिंदगी ज़हर है इसलिए रोज़ पीते हैं, नकाबिल दर्द कोई, (ये)कैसा असर होता है? मौत के काबिल नहीं इसलिए जीते हैं, कौन कमबख्त जीने के लिए जीता है! चलों मुस्कुराएं, गले मिलें, मिले जुलें, यूं जिंदा रहने का तमाशा हमें आता है! नफ़रत से मोहब्बत का दौर चला है, पूजा का तौर "हे राम" हुआ जाता है! हमसे नहीं होती वक्त की मुलाज़िमी, सुबह शाम कहां हमको यकीं होता है? चलती-फिरती लाशें हैं चारों तरफ़, सांस चलने से झूठा गुमान होता है! नेक इरादों का बाज़ार बन गई दुनिया, इसी पैग़ाम का सब इश्तहार होता है! हवा ज़हर हुई है पानी हुआ जाता है, डेवलपमेंट का ये मानी हुआ जा ता है।