अररिया में कुछ साथी हैं,
काम की उनकी बातें हैं,
ज़मीन से जुड़े नाते हैं,
एक हैं उसमें
जो तन्मय कहलाते हैं,
आवाज़ उठाते हैं,
सामने आते हैं,
सामना करने,
अन्याय का,
अनुचित का,
जिसको मुश्किल में पाते हैं
जा, अपना कंधा मिलाते हैं,
साथ संग पाँव उठाते हैं!
और एक कल्याणी हैं,
दिल की उनकी वाणी है,
दिल से सारे नाते हैं
उनकी भी यही बातें हैं,
दोनों बड़ें विश्वासी हैं,
संविधान के वासी हैं,
न्याय के पिपासी हैं
उनका क्या दोष हुआ,
गलत को गलत कहना
ये गुनाही उदघोष हुआ?
और इंसाफ़ छुट्टी पर है,
कुछ की मुट्ठी में है?
इसलिए आपका साथ चाहिए,
एक साथ आवाज़ चाहिए,
दूर दूर तक बात चाहिए,
जोड़िए अपना नाम,
फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम
चार से छह बजे आज शाम
आ सकते हैं आप बड़े काम
धन्यवाद शुक्रिया प्रणाम!
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