आप
कत्ल करिये हम गिनाते है
करते
है दो कपड़ों को घड़ी,
दो
लम्हों को भूल जाते हैं
कमबख्त
हालात बदल जाते हैं,
उम्र
हो गयी साथ चलते चलते
हम
आज भी आगे छूट जाते हैं !
आप
सफ़ाई की याद दिलाते है
बड़ा
शौक है हमको दुनिया का,
और
आप मेरी खरोंचे दिखाते है
आपकी
आदतों में हम भी आते हैं,
कहने को हज़ार बातें है लिखते
हमको भी मुहब्बत के गुनाह आते है
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