कह दिया मालिक ने ओ मान जाएं,
यूँ बेईमान हमें होना नहीं आता!
यूँ बेईमान हमें होना नहीं आता!
सवाल वाज़िब हैं सब ओ पुछे जाएंगे?
क्यों आपको बेबाक होना नहीं आता?
क्यों आपको बेबाक होना नहीं आता?
फूलों का दोष कि धागे की गलती?
चुभती है सुई या पिरोना नहीं आता!!
चुभती है सुई या पिरोना नहीं आता!!
सब का साथ देने की बात करते हैं, झूठे
वो जिनको एक के साथ होना नहीं आता?
वो जिनको एक के साथ होना नहीं आता?
नीच नीयत है उनकी जो गद्दी बैठे हैं,
क़त्लेआम से उसे घबराना नहीं आता!
क़त्लेआम से उसे घबराना नहीं आता!
क्या बात करें उस शख़्श के ईमान की
खुदनुमाईश से जिसे कतराना नहीं आता!
खुदनुमाईश से जिसे कतराना नहीं आता!
कहता है वो चांद तक ले जाएगा, ओ
ठीक से दो सच बताना नहीं आता?
ठीक से दो सच बताना नहीं आता?
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें