चलो अफ़सोस को जोश करें,
सच को समझें ओ होश करें!
सच को समझें ओ होश करें!
किसको, कब, क्या दोष करें,
अपने ही कोशिशों पर रोष करें!
अपने ही कोशिशों पर रोष करें!
नफ़रत कहाँ नुकसान सोचती है,
सोचने की बात है क्या कोष करें?
सोचने की बात है क्या कोष करें?
नाउम्मीदी, बेबसी सर उठाएंगी,
सोचें उनको कैसे खामोश करें?
सोचें उनको कैसे खामोश करें?
यकीं हैं जो वोही आसरा बनेंगे,
चलिए अपने सच आगोश करें!
चलिए अपने सच आगोश करें!
और बिगड़ेंगे हालात अभी और,
'इससे बुरा क्या' सोच न संतोष करें!
'इससे बुरा क्या' सोच न संतोष करें!
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