ये कैसी मोहब्बत है
अदावत है, बगावत है
मुश्किल कोई कम नहीं
है! फिर भी मोहब्बत है!
ये कैसी जरुरत है
खलती है, खूबसूरत है
हैं कहीं मौजूद मुझमे
है! फिर भी जरूरत है?
ये कैसी नजाकत है
ख़ामोशी चुप नहीं होती
बगावत सर झुकाए है!
इरादे नेक हों तो फिर
शरारत कैसे कि जाये
मोहब्बत है तो फिर
मोहब्बत क्यों न कि जाये?
ये कैसी पहचान है
जान कर अनजान है
नज़र आते हैं, पर
नज़र नहीं मिलाते!
ये कैसी शरारत है
लम्हों को छुपाये हैं
पास फिर भी आये हैं
अदावत है, बगावत है
मुश्किल कोई कम नहीं
है! फिर भी मोहब्बत है!
ये कैसी जरुरत है
खलती है, खूबसूरत है
हैं कहीं मौजूद मुझमे
है! फिर भी जरूरत है?
ये कैसी नजाकत है
ख़ामोशी चुप नहीं होती
बगावत सर झुकाए है!
इरादे नेक हों तो फिर
शरारत कैसे कि जाये
मोहब्बत है तो फिर
मोहब्बत क्यों न कि जाये?
ये कैसी पहचान है
जान कर अनजान है
नज़र आते हैं, पर
नज़र नहीं मिलाते!
ये कैसी शरारत है
लम्हों को छुपाये हैं
पास फिर भी आये हैं
sir mind bloing words
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