दोष तब्लीसी,
जिम्मेदारी बदलिसी
मूरख पब्लिसी!
मुसीबत असलिसी
मदद नकलिसी,
सब चंगा सी!
मजदूर पैदलसीभूखे बेहदसी,
नफ़रत निकलिसी,
बीमारी चीनीसी,
टेस्टिंग कछुए सी,
सब चंगा सी!
लॉकडाउन चालेसी,
चार बार लागेसी
लाख पास आलेसी,
सरकार जालीसी,
या सोई, आलसी,
मूँह में गालीसी,
वादे लाखों से
नीयत जाली सी

हाथ फ़ैले सी
झोली खाली सी,
भुखी प्यासी.
बेटी रुंआसी,
हरसू बदहवासी
इतनी उदासी, सब चंगा सी!

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