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दाम दमन !

हट्टे-कट्टे सारे इकट्ठे,
शॉपिंग की तो जेब कटे
दाम चीजों के बड़े-बड़े
लुट गये बाज़ार में खड़े-खड़े
चिल्लर साली संभाल तू
दाल-रोटी के पड़े लाले
सपनों पे अब लगे ताले,
स्कूल की फ़ीससेहत/health को चीज़
उपर वाले से पुछें क्या "what's up re”
ढीली कमर से खिसके है चड़्डी-चड्डी
साला इज्जत उतारने को always ready
हर एक रेट कमीना होता है,
बड़ा सस्ता आज कल पसीना होता है,
मुश्किल मंहगाई में जीना होता है
बड़ा लंबा हर एक महीना होता है,

उंची दुकान और फ़ीके पकवान
पैसा भगवान और पैसा पहलवान
दो कौड़ी का ईमान रे
dogy लार टपका बोले "what's up re”
देख मुँ में मेरे हड़ड़ी-हड़डी
साला इज्जत उतारने को always ready
हर एक रेट कमीना होता है
लड़्डु-पेडा जैसे नगीना होता है,
दुसरे को लूट कर ही जीना होता है
हर एक रेट कमीना होता है

अपने ही हाथों वो खुद को मारें
खेत सूख गये जो इनके सारे
पैसा सरकार हैमेहनत बेकार है
शहरों में आयेंगेस्लम नयी बनायेंगे
खायेंगे रोज़ अमीरों की गाली
हर एक रेट कमीना होता है
मुश्किल हर घड़ी अब जीना होता है
पानी अब ये खुन पसीना होता है

खुदा की कसम, time आ गया
भूख का राक्षस मुझे खा गया

खा गया -पर आप तो अभी जिंदा है
ये जीना भी कोई जीना है लल्लू

अब तो पानी के भी दाम लगते हैं,
बड़े महंगे आज-कल भगवान लगते हैं
ईद के रोज़े अब वरदान लगते हैं
बीबी के फ़ास्ट सारे वरदान लगते हैं,
थुकें कैसे मंहगे बड़े पान लगते हैं
अपने ही दाम लगाते इंसान लगते हैं

लाईन में आगे जाने की घाई है, बड़ी fast मंहगाई है,
थोड़ी उपर की कमाई है, थोड़ी under the table आई है,
दाम गिरगिट के रंग बदलते है, आसमान छूने को चलते हैं,
तेल घी हो गया है, शक्कर मिठाई है,
दारू बोलती है ईतनी मंहगी दवाई है,
लिप्सटिक का रंग गहरा, पर महंगी ईतनी की ओंठों पर पहरा
बच्चे पुछे माँ से, “what's up re”
करनी है हम को पार्टी-पार्टी
इतने पैसों को लगेंगे दो दो ड़ैडी
हर एक रेट कमीना होता है,
सेलरी मे कैसे जीना होता है,
बेंगन का ही अब कीमा होता है,

https://www.youtube.com/watch?v=Z6kzjrnaYcc
स्टार प्लस के ड़ांस शो को promote करने के लिये करंट इशूस के उपर व्यंग करने के लिये शो के पार्टिसिपेंट चावट बोयस के लिये लिखे गाने!

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मर्द बने बैठे हैं हमदर्द बने बैठे हैं, सब्र बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अल्फाज़ बने बैठे हैं आवाज बने बैठे हैं, अंदाज बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! शिकन बने बैठे हैं, सुखन बने बैठे हैं, बेचैन बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अंगार बने बैठे हैं तूफान बने बैठे हैं, जिंदा हैं शमशान बने बैठे हैं! शोर बिना बैठे हैं, चीख बचा बैठे हैं, सोच बना बैठे हैं बस बैठे हैं! कल दफना बैठे हैं, आज गंवा बैठे हैं, कल मालूम है हमें, फिर भी बस बैठे हैं! मस्जिद ढहा बैठे हैं, मंदिर चढ़ा बैठे हैं, इंसानियत को अहंकार का कफ़न उड़ा बैठे हैं! तोड़ कानून बैठे हैं, जनमत के नाम बैठे हैं, मेरा मुल्क है ये गर, गद्दी पर मेरे शैतान बैठे हैं! चहचहाए बैठे हैं,  लहलहाए बैठे हैं, मूंह में खून लग गया जिसके, बड़े मुस्कराए बैठे हैं! कल गुनाह था उनका आज इनाम बन गया है, हत्या श्री, बलात्कार श्री, तमगा लगाए बैठे हैं!!

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