बीमारी फैली है नाम महामारी है!
सुप्रीम कोर्ट को दो ट्वीट भारी हैं?
सवालों के दायरे में सब को रखिए,
सवालों के बाहर सब झूठ है बचिए!
सरकार, न्यायपालिका, मीडिया, पुलिस,
लेफ्ट राइट लेफ्ट राइट लेफ्ट राइट!
एक चाल है सबकी क्या कमाल है?
पहले सरकार का फैंसला, फिर जनता का विरोध फिर सुप्रीम कोर्ट फिर जैसे का तैसा! क्रोनोलॉजी समझिए!
आप के लिए विकास क्या है?
पूंजीवाद के सिवा किसको जगह है?
और न्याय किसके साथ हुआ है?
बड़ा पेचीदा मामला है,
न्याय मूर्ति हो गए हैं
करें तो क्या करें?
उनकी मनोस्तिथि ...
जो सरकार से मांग है
वही न्याय व्यवस्था से भी?
एक ही थैली के चट्टे बट्टे,
पुरानी कहावत थी कभी?
'न्यायपालिका पर भरोसा',
ये कहना मजबूरी सा बन रहा है?
न्याय का काम
आजकल कुछ ऐसा चल रहा है!
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