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रामराज्य सरकार!


बड़े फ़ायदे के नफ़रत के कारोबार हैं,
सुना है आज़कल वो सरकार हैं!


राम के नाम की सरकार हो गई,
संविधान की बात हे'हराम हो गई!


धर्म गिरा है या निचले कर्म हो गए हैं?
इस दौर में ख़ासे बेशरम हो गए हैं


अच्छे खासे आजकल राम हो गए,
धर्म के धंदे आजकल तमाम हो गए!


हो कोई धर्म राम नाम सत्य करते हैं,
धार्मिक गुंडे कहाँ किसी से डरते हैं!

क़ैद अब सत्ता का हथियार है,
ये नहीं लोकतंत्र की सरकार है!


सत्ता जब किसी को गुनहगार करती है,
रोशनी की आड़ में अंधकार करती है!


बंदूक आतंक है बंदूकधारी आतंकवादी, 


वर्दी को सौ खून माफ़, ये कैसी तरफ़दारी?

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हाथ पर हाथ!!

मर्द बने बैठे हैं हमदर्द बने बैठे हैं, सब्र बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अल्फाज़ बने बैठे हैं आवाज बने बैठे हैं, अंदाज बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! शिकन बने बैठे हैं, सुखन बने बैठे हैं, बेचैन बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अंगार बने बैठे हैं तूफान बने बैठे हैं, जिंदा हैं शमशान बने बैठे हैं! शोर बिना बैठे हैं, चीख बचा बैठे हैं, सोच बना बैठे हैं बस बैठे हैं! कल दफना बैठे हैं, आज गंवा बैठे हैं, कल मालूम है हमें, फिर भी बस बैठे हैं! मस्जिद ढहा बैठे हैं, मंदिर चढ़ा बैठे हैं, इंसानियत को अहंकार का कफ़न उड़ा बैठे हैं! तोड़ कानून बैठे हैं, जनमत के नाम बैठे हैं, मेरा मुल्क है ये गर, गद्दी पर मेरे शैतान बैठे हैं! चहचहाए बैठे हैं,  लहलहाए बैठे हैं, मूंह में खून लग गया जिसके, बड़े मुस्कराए बैठे हैं! कल गुनाह था उनका आज इनाम बन गया है, हत्या श्री, बलात्कार श्री, तमगा लगाए बैठे हैं!!

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