वो ज़हर जो हमको क़ातिल करता है,
रामबाण है, अचूक असर करता है!
कौन है जो दिल ये नफ़रत भरता है?
आप ही आइए जहां हम मिलते हैं !
अलग चाल है सबकी और चलते हैं!!
रिश्ते क्यों हम को अलग करते हैं?
जो भी ख़बर मिली वो ही सच है?
बुरी है बात और किसी के सर है!
डर और नफ़रत आपके घर है!
किन रंगों से आईने रंगवाए हैं?
क्यों नफ़रत नज़र नहीं आए है?
सड़क पर मार दिया ये न्याय है?
रामराज्य, राम नाम, आसाराम, बाबाराम,
घोर कलयुग है और ये सब राम के काम?
सोच, तर्क, विज्ञान का तो काम तमाम!
धर्म का धंधा, खरीददारी चंदा,
राम नाम में बढ़े फायदे में बंदा,
घटिया नीयत और काम गंदा!
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