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देशशक्ति - खोखली देशभक्ति!

हमे था जिसका इंतज़ार ये वो सहर तो नहीं,
गाँव में नहीं रहता मुल्क, शहर में मिलता नहीं! 
(हजारों लोग रोज गाँव से पलायन कर रहे हैं, और  शहर का कचरा बीनते हैं)

न आज़ादी कि सहर हुई, न जनतंत्र कि सुबह, 
मज़हब, जातपात के मौसम कभी बदलते नहीं!

जात-पात, धरम-भरम,
अपनी अपनी जेब गरम,
सौ चूहे खा बिल्ली बोले,
जय भारत, वन्देमातरम
(हमारे देश के नेताओं कि कहानी)

कितने इरादों को कब्र करतें हैं,
इस मुल्क में सब सब्र करते हैं!
(मस्जिद टूट जाती है, दंगे करने वाले सम्राट बन जाते हैं, बलात्कारी दुल्हे बन जाते हैं)

देशभक्ति अगर ज़ोर मार रही है,
तो चंद सवाल आईने से पूछ लीजे?
(क्या सारे देशभक्त ईमानदार हैं, नेता, अफ़सर,कारोबारी)

जय है, भारत माता की जय है,
देशभक्त गुंडों का बड़ा भय है!

देशभक्तों की बडी गैंग बनी हैं,
जो सावधान नहीं उसको विश्राम है!

सच बात कहना अगर भय है,
तो क्यों जय जय जय जय है?
(देशभक्ति की बात आती है तो हमेशा मार-पीट क्यों होती है?)

मस्जिद की छत नहीं
संविधान की गत थी!
(आपकी राय नहीं, संविधान का पहला पन्ना जानिए)


सच से सबका झूठा नाता है,
जन गण मन भाग्य विधाता है!

औरत रात में अकेले न निकले ये भय है,
फिर क्यों बेमतलब जय जय जय जय है?

बच्चे गायब हो जाएँ तो उनका न मिलना तय है,
फिर भी सावधान खड़े क्यों जय जय जय जय है? 
(क्या आप को सावधान में खड़े, ४०% लोग याद नहीं आते जो दो वक्त खाना नहीं खाते?)

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हाथ पर हाथ!!

मर्द बने बैठे हैं हमदर्द बने बैठे हैं, सब्र बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अल्फाज़ बने बैठे हैं आवाज बने बैठे हैं, अंदाज बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! शिकन बने बैठे हैं, सुखन बने बैठे हैं, बेचैन बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अंगार बने बैठे हैं तूफान बने बैठे हैं, जिंदा हैं शमशान बने बैठे हैं! शोर बिना बैठे हैं, चीख बचा बैठे हैं, सोच बना बैठे हैं बस बैठे हैं! कल दफना बैठे हैं, आज गंवा बैठे हैं, कल मालूम है हमें, फिर भी बस बैठे हैं! मस्जिद ढहा बैठे हैं, मंदिर चढ़ा बैठे हैं, इंसानियत को अहंकार का कफ़न उड़ा बैठे हैं! तोड़ कानून बैठे हैं, जनमत के नाम बैठे हैं, मेरा मुल्क है ये गर, गद्दी पर मेरे शैतान बैठे हैं! चहचहाए बैठे हैं,  लहलहाए बैठे हैं, मूंह में खून लग गया जिसके, बड़े मुस्कराए बैठे हैं! कल गुनाह था उनका आज इनाम बन गया है, हत्या श्री, बलात्कार श्री, तमगा लगाए बैठे हैं!!

पूजा अर्चना प्रार्थना!

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