आज सुबह की यूँ शुरुवात हुई
अकेले थे दोनों खूब बात हुई!
यूँ ही सुबह से मुलाक़ात हुई,
मुस्करा दिए दोनों ये सौगात हुई!
और भी थे इस सुबह के मुसाफिर,
अकेले कहाँ कायनात साथ हुई!
वो भी अपने पुरे जोश में निकाला
खामोश थे दोनों बहुत बात हुई,
यूँ आज सुबह की हालात हुई,,
एक पल में अजनबी वो रात हुई!!
हर एक लम्हे की कई दास्ताँ थीं,
बदलते रंगों से ज़िन्दगी आबाद हुई!
अकेले थे दोनों खूब बात हुई!
यूँ ही सुबह से मुलाक़ात हुई,
मुस्करा दिए दोनों ये सौगात हुई!
और भी थे इस सुबह के मुसाफिर,
अकेले कहाँ कायनात साथ हुई!
वो भी अपने पुरे जोश में निकाला
खामोश थे दोनों बहुत बात हुई,
यूँ आज सुबह की हालात हुई,,
एक पल में अजनबी वो रात हुई!!
हर एक लम्हे की कई दास्ताँ थीं,
बदलते रंगों से ज़िन्दगी आबाद हुई!
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