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अक्तूबर, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नज़र नजरिया नज़रअंदाज़!!

अंदाज़ इ नज़र से क्या अंदाज़ लगाएं, दिल की सुनें या अपना दिमाग लगाएं! मोहब्बत हरदम एकतरफ़ा ही होती है एक दूसरे से हो ये महज़ इत्तफ़ाक़ है! क्यों अफ़सोस है की आप नज़रअंदाज़ हैं, मोहब्बत ज़ेब में रख घूमने की चीज़ नहीं! इश्क़ है तो इंकार नज़रअंदाज़ क्यों, प्यार एहसास है दिल धड़काता है, सामान नहीं जो ख़रीदा जाता है??? अंदाज़ लगाएं उनकी नज़र से या नज़रअंदाज़ करें, समझ नहीं आता कहाँ से अफ़साना ए आगाज़ करें! बहुत सी अदाएं उनकी ओ एक अंदाज़ ए नज़र, तमाम तूफ़ान पाल रहे हैं और उस पर ये कहर! सच है कि उसने हमें नज़र अंदाज़ किया हमने भी इस सच को नज़रअंदाज़ किया! यूँ अब उनकी नज़रों के अंदाज़ हो गए, नज़र आये नहीं की नज़र-अंदाज़ हो गए? जब से उनका अंदाज़-ए-नज़र देखा, अपने आप को नज़र अंदाज़ कर दिया! अंदाज ए नज़र को नज़रअंदाज़ कीजे, दिल की बात है दिल से समझ लीजे! अंदाज़ नज़र का नज़र अंदाज़ कर दिया, हमने आगाज़ किया उसने अंजाम दे दिया!

हिंसा और हम-आप!

हिंसा क्या है, टॉम और जैरी की, मारापीट को देख, उछलते, बच्चे को देख कर खुश होना! हिंसा क्या है,  जात-पात,मज़हब, अगर वजह है, कि दिल में कम जगह है! हिंसा क्या है, कचरे के ढेर में गैरकानूनी घर बसाये लागों की बेदखली! हिंसा क्या है? मां-बाप नहीं सुनते, बच्चे ने कहा है, उसे किसी ने छुआ है! हिंसा क्या है 4 साल के बच्चे का स्कुल से आना और होमवर्क पर बैठना! हिंसा क्या है, भीड़ में, मैले कपड़ों में कोई पास गुजर गया, आप छिटक कर दूर गए! हिंसा क्या है, आपके घर नौकरानी है कुछ आपका खो गया, कहाँ आपका शक गया? हिंसा क्या है, आपकी माँ है कपडे आपके, और वो धो रही हैं! सालों से! हिंसा क्या है, कभी गाली दी है, और आपकी भी, मां-बहन है! हिंसा क्या है, गुटखा थूकते हुए साइकिल रिक्शे से कहना, ज्यादा होशियार मत बनो! हिंसा क्या है, किसी की जात पूछना, और ख़ुश होना अगर वो आपके जैसा है!  हिंसा क्या है, धार्मिक होना और दूसरे धर्म का मज़ाक उड़ाना! हिंसा क्या है, जो भी हो, बेवजह है! आप को गुस्सा आया? हिंसा क्या है, लड़की दे...

गुलाम अली!

  देशभक्ति का बड़ा तगड़ा बंदोबस्त है, नफरत के फूलो से गुलशन शगुफ्ता है! कल तक तो हम मोह्ब्बत थे, आज क्यों नफ़रत हैं, हम तो वही हैं,  किसकी ये फ़िरकापरस्त फ़ितरत है?  गुलाम अली सुनना अगर पाकिस्तान है, फिर तो इस देश में लाखों ऐसे अवाम है! हंगामा है क्यों इतना कि कोई गुलाम अली है, कितनी तंग अक्ल है कौनसे कुँए में पली है!??? ये कौन सी गुलामी है कि भीड़ में सोचना है, गुलाम अली को सुनेंगे उसी को कोसना है एक मुल्क दुश्मन है तो वहां के इंसान इंसान नहीं, इंसानियत का गणित इतना भी आसान नहीं एक इंसान सिर्फ अपना मुल्क, मज़हब, जात लगे, बड़े गरीब आजकल मुल्क के हालात लगे सुन के देख लो आप भी गुनगुना देंगे, कानों को कान रखिए क्यों वो गुलाम होंगे? गुलाम अली गाते हैं आप सुन सकते हैं, टांग अड़ाने वालों के घुटने में कान होंगे! जो डर गया सो मर गया - गब्बर सिंह किसी का अक्ल घांस चर गया - आइना! मेरे लिये तो गुलाम अली खास हैं, और कोई बातें निरी बकवास हैं! 

गाय, अखलाक और हम!

गाय!(या बकरी) गाय हिन्दू बकरा मुसलमान, और देश में गधे पहलवान! गाय ने इंसान को मारा, गाय फ़रार बकरा गिरफ्तार! मुबारक हो गाय बकरी निकली, और भेड़चाल भीड़ भेड़िया ! किस गाय पर इलज़ाम लगे, किस इंसान को मासूम कहें! बकरी गाय हो गयी, अख़लाक़ तबाह!    हाथ की सफाई ऐसे, बकरी बनी गाय कैसे!? अखलाक (नैतिकता) अख़लाक़ को कुर्बान कर दिया, अपनी परम्परा का बड़ा नाम ? अख़लाक़ माने फ़लसफ़ा, तरीका, सोच अब आपका हमारा भारत है एक खोज! हमारा अख़लाक़ कहीं खो गया, और ज़मीर गहरी नींद सो गया! अख़लाक़ का खून पानी निकला, वहशियत की निशानी निकला ! एक अख़लाक़ का खून हुआ, एक अख़लाक़ जुनून हुआ! अखलाक का खून मज़हबी ज़ुनून! हम क्या काम मासूमियत जो जान ले ले, आपसे ही आपका इंसान ले ले! क्या हम सिर्फ़ भीड़ हैं,  या हमारी कोई रीड़ है? अर्थी ले कर निकले मानवता कि, और सब कहते, 'राम नाम सत्य है' कुछ सोच कर भीड़ में शामिल हैं, कुछ कम या ज्यादा, पर कातिल हैं!

अखलाक का खून!

आत्मचिंतन, समुद्र-मंथन प्राचीन,  परंपराम, गौरव सहनशीलता, सहिष्णुता, वेद-पुराण,  ज्ञान-गुणज्ञान गीता का दर्शन समझ- संस्कृति शून्य की खोज दशमलव का विज्ञान भारत महान हाथी  के दाँत दिखाने वाले और खाने वाले नरभक्षी, वहशी इंसान सोच हथियार, समझ तलवार  जाति छोटी-बड़ी औरत पैरों में पड़ी गालियों में माँ-बहन का भूत, अहं हिंदू होने का या कमतरी का सबूत कपटी-धूर्त मंदिर में मूर्त पुजारी पहलवान सोने की खान चढावे को बढावा हिंदू को हिंदू का खून गाड़ा दूसरे का खून पानी कल की कहानी गाय माँ और नानी, मासूम जवानी,  गुस्से की निशानी मज़हब का ज़ुनून अखलाक का खून!